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Water Crisis | जल संकट

जीवन के लिए पंचतत्वों को आधार माना गया है। उनमें से एक तत्व पानी भी है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती । अगर जल न होता तो सृष्टि का निर्माण भी संभव नही होता। जल का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी सभ्यताएं नदियों के किनारे ही विकसित हुई और प्राचीन नगर नदियों के तट पर ही बसे। लेकिन आज विकास की अंधी दौड़ में प्राकृतिक संसाधनों का कोई मोल नहीं रह गया है। विलासिता की आड़ में मनुष्य ने जल का इतना दोहन कर लिया है कि आज दुनिया की आधी आबादी को पीने का स्वच्छ पानी तक मुहैया नहीं है। भारत भी इससे अछूता नहीं है और तमाम रिपोर्ट इस बात को मजबूती से दोहरा रही हैं कि अगर हम जल संसाधन का उचित प्रबंधन नहीं कर पाए तो हम आने वाले दिनों में पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस जाएंगे। आज विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे भारत समेत पूरी दुनिया में जल की स्थिति की, जानेंगे क्या है जल स्तर में कमी की वजह, साथ ही साथ जल संरक्षण के उपायों पर भी डालेंगे नज़र....

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